( भास्कर ने अपनी स्पेशल सीरीज 'राजस्थान की अनसुनी अनकही यादों' के तहत आज बता रहा है मेहरानगढ़ किले के बारे में। जिसके लिए भास्कर ने पूर्व महाराजा गजसिंह से बात की)


500 साल से पुराना है यह किला

 

- जोधपुर शासक राव जोधा ने 12 मई 1459 को इस किले की नींव डाली और महाराज जसवंत सिंह (1638-78) ने इसे पूरा किया।

- इस किले में बने महलों में से उल्लेखनीय हैं मोती महल, फूल महल, शीश महल, सिलेह खाना, दौलत खाना आदि।



 

10 किलोमीटर में फैली है किले की दीवार

 


- मेहरानगढ़ किला की दीवारें 10 किलोमीटर तक फैली है। इनकी ऊंचाई 20 फुट से 120 फुट तथा चौड़ाई 12 फुट से 70 फुट तक है।

- इसके परकोटे में किलाम रास्तों वाले सात आरक्षित किला बने हुए थे। घुमावदार सड़कों से जुड़े इस किले के चार दरवाजे हैं।

- किले के अंदर कई भव्य महल, अद्भुत नक्काशीदार दरवाजे, जालीदार खिड़कियां हैं।